कानपुर में भीषण अग्निकांड: अवैध जूता फैक्ट्री खाक, कई जान बचीं, सीएम योगी एक्‍शन में

Massive fire in Kanpur

Massive fire in Kanpur

कानपुर। Massive fire in Kanpur: नियम-कानून ताक पर रखकर रिहायशी इलाके में चल रहे चमड़े के जूता-चप्पल बनाने के कारखाने में आग लगने से दो लोग जिंदा जल गए। आग पांच मंजिला इमारत की पहली मंजिल पर शार्ट सर्किट से लगी। तीसरी-चौथी मंजिल में दंपती और उनकी तीन बेटियां फंसी थीं।

डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि तीसरी मंजिल में दो शव मिले हैं। एसडीआरएफ ने रात तीन बजे उन्हें बाहर निकाला। चौथी मंजिल पर बच्चों के बेडरूम हैं। तपिश की वजह से बचाव दल वहां तक नहीं पहुंच पा रहा था। इससे पहले दमकल की दस गाड़ियां आग बुझाने में लगी रहीं।

देर रात भड़की आग ने लिया विकराल रूप

इसी बीच एक बुजुर्ग को बाहर निकाला गया। रात 12:15 बजे हाइड्रोलिक प्लेटफार्म लाया गया, जिससे बचाव अभियान में तेजी आई। एक बजे आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन धुआं भरा होने से बाधा आ रही थी। इस बीच 1:20 बजे आग फिर भड़क उठी। करीब 1:45 बजे आग बुझाकर दमकलकर्मी अंदर पहुंचे, लेकिन पहली मंजिल पर फिर आग भड़क गई। रात 2:45 बजे आग पर काबू पाया जा सका।

सुरक्षा के नहीं थे कोई इंतजाम

इमारत में न तो आपातकालीन निकास था, न आग बुझाने के इंतजाम किए गए थे। रोड संकरी होने से दमकलकर्मियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इमारत मो. कासिफ की है। पहली और दूसरी मंजिल में जूता-चप्पल बनाने का कारखाना है तो तीसरी और चौथी मंजिल में कासिफ और भाई दानिश का परिवार रहता था। इमारत में लिफ्ट भी लगी है।

तीन धमाकों से दहली इमारत

आग सबसे पहले पहली मंजिल में लगी और एक बाद एक तीन धमाके हुए। इसके बाद आग तीसरी मंजिल तक पहुंची तो दो तेज धमाके और हुए। पांच मिनट बाद तीसरा धमाका हुआ। आशंका जताई जा रही है कि एलपीजी सिलिंडर फटे होंगे। महज 20 मिनट के अंतराल में आग पांचवीं मंजिल तक पहुंच गई।

परिवार की चीखों से गूंज उठा इलाका

जाजमऊ निवासी मिस्ताहुल हक इसरत इराकी ने बताया कि इमारत की तीसरी मंजिल पर उनका 45 वर्षीय भांजा दानिश, उसकी पत्नी नाजरीन, 15 साल की बेटी सारा, 12 वर्ष की सिमरा और सात वर्ष की इनाया थीं। दानिश के बुजुर्ग पिता अकील को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।

"आग पर काबू पा लिया गया है। बचे लोगों की तलाश की जा रही है।" दीपक शर्मा, मुख्य अग्निशमन अधिकारी

रात तीन बजे एसडीआरएफ ने दो शव निकाले। हादसे के वक्त कासिफ और उनका परिवार जाजमऊ में था। दानिश ने रात में उन्हें आग लगने की जानकारी दी, लेकिन इसके बाद उनका फोन बंद हो गया। सूचना पर दमकल की चार गाड़ियां पहुंची थीं, लेकिन आग बढ़ते देख तत्काल किदवईनगर, जाजमऊ, कर्नलगंज, लाटूश रोड और फजलगंज फायर स्टेशन से और गाड़ियां मंगाई गईं।

60 से ज्यादा दमकलकर्मी जुटे राहत में

करीब 60 से ज्यादा दमकलकर्मी राहत कार्य में देर रात जुटे रहे। देर रात दीवार तोड़कर दमकल की टीमें इमारत में दाखिल हुईं। बचाव कार्य के लिए करीब 1:45 बजे राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरफ) पहुंच गया। वहीं, एडीसीपी सेंट्रल समेत कई थानों का फोर्स भी मौके पर मौजूद रहा।